ससंगदा वन प्रक्षेत्र के तत्वावधान में 70 वां वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के समापन समारोह संपन्न

@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखं

सारंडा वन प्रमंडल अन्तर्गत ससंगदा वन प्रक्षेत्र के तत्वावधान में मेघाहातुबुरु सामुदायिक भवन प्रांगण में 70 वां वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन किया गया ।

समारोह का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि सारंडा के संलग्न पदाधिकारी आईएफएस नीतीश कुमार, विशिष्ट अतिथि किरीबुरु के उप महाप्रबंधक प्रवीण कुमार, मेघाहातुबुरु के सहायक महाप्रबंधक संदीप भारद्वाज, केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षक पी सी पान, शिक्षक रोहित ने दीप प्रज्वलित कर किया । संलग्न पदाधिकारी आईएफएस नीतीश कुमार ने कहा कि आपको वन विभाग ने टोपी प्रदान कर वन्य प्राणियों को बचाने का एम्बेसडर बनाया है ।अब आपको पर्यावरण व वन्य प्राणियों को बचाना है । वन जब नहीं रहेगा तो पानी की विकट समस्या उत्पन्न होगी । वन्य प्राणियों के लिये सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण बनायें, क्योंकि वह उस वातावरण में सुरक्षित रह सकेगा ।

सारंडा का मौसम, खूबसूरती व वातावरण को देखने के लिये पर्यटक पैसा देकर यहां आते हैं ।लेकिन आप खुशनसीब हैं कि यहां रहते हैं । हम सभी को मिलकर जंगल को आग से बचाना है ।किरीबुरु ससंगदा के रेंजर शंकर भगत ने कहा कि जिस वन में वन्य प्राणी नहीं वह वन नहीं कहलाता है । सारंडा जंगल में जनसंख्या विस्फोट की वजह से जंगली हाथियों व वन प्राणियों का उत्पात बढा़ है ।हम उनके कौरिडोर व घर को नष्ट कर रहे हैं. हाथी जिस क्षेत्र में होते हैं उस क्षेत्र की बिजली आपूर्ति काट दी जाती है ताकि उन्हें नुकसान नहीं पहुंचे ।

उप महाप्रबंधक प्रवीण कुमार ने कहा कि डायनासोर को आज हम किताबों में देखते हैं, क्या आप चाहेंगे की अन्य जानवर भी किताबों में हम देखें ।वन व वन्य प्राणी एक-दूसरे के पूरक हैं ।हमें दोनों को बचाना होगा ।सहायक महाप्रबंधक संदीप भारद्वाज ने कहा कि सेल प्रबंधन खनन के अलावे वन विभाग के साथ मिलकर आगामी 10 वर्षों के लिये वन्य प्राणियों व जंगल को बचाने हेतु एक विशेष कार्य योजना बनाकर काम कर रहे हैं. आप सभी का भी इसमें सहयोग जरुरी है ।

शिक्षक रोहित ने कहा कि बच्चे प्रकृति, पर्यावरण व वन्यप्राणियों के बारे में कला, संस्कृति व तमाम माध्यम से समझें तथा उनके संरक्षण की दिशा में कार्य करे । शिक्षक पी सी पान ने कहा कि हम ऐसे स्थान पर रहते हैं कि हमें जंगल व वन्यप्राणियों को देखने के लिये पैसे खर्च नहीं करना पड़ता है ।दुःखद बात है कि वन व वन्यप्राणियों को हम अपनी स्वार्थ की खातिर खत्म र रहे हैं. इस दौरान वन्यप्राणियों का संरक्षण से संबंधित वन विभाग की तरफ से आयोजित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नीतीश कुमार ने प्रमाण पत्र व ट्रॉफी प्रदान किया।

इस दौरान सुमित कुमार, शंकर पाण्डेय, सालिनी कन्डुलना, संगीता लकडा़, मोनिका पूर्ति, सुनील सुंडी, वीजेन्द्र तामसोय, बासुदेव बिरुवा, अमृत सुंडी, मीत करुवा, जयपाल गुडि़या आदि मौजूद थे ।

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