@ नई दिल्ली
सिनेमा ने समाज को एक नया आकार देने, उसके मूल्यों को प्रतिबिंबित करने और परिवर्तन को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय के साथ फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी काफी प्रगति हुई है हैं। वर्ष 1913 में भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के की पहली स्वदेशी फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ के साथ भारतीय सिनेमा का यह उल्लेखनीय सफर शुरू हुआ । फिल्म निर्माण के प्रति उनके जुनून एवं अटूट समर्पण ने भारतीय सिनेमा को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अनगिनत कहानीकारों और भावी पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया ।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस विरासत का सम्मान करने के लिए प्रत्येक वर्ष सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के साथ-साथ प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 8 अक्टूबर, 2024 को प्रदान किये गये।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों के विकास में योगदान देने वाली, तकनीकी उत्कृष्टता तथा सामाजिक प्रासंगिकता वाली फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है, जिससे राष्ट्र की एकता एवं अखंडता को भी बढ़ावा मिलता है।
पुरस्कारों का उद्देश्य एक कला रूप के रूप में सिनेमा के अध्ययन को प्रोत्साहित करना तथा पुस्तकों, लेखों, समीक्षाओं आदि के प्रकाशन के माध्यम से कला की इस विधा की जानकारी एवं आलोचनात्मक प्रशंसा का प्रसार करना है।
इतिहास
भारत में सिनेमाई उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए 1954 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (एनएफए) की शुरुआत की गई थी।
• राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के पहले संस्करण में वर्ष 1953 की फिल्मों के लिए पुरस्कार दिए गए थे। इन पुरस्कारों को शुरू में ‘राजकीय पुरस्कार’ कहा जाता था। शुरुआती वर्षों में राष्ट्रपति के दो स्वर्ण पदक, दो योग्यता प्रमाण पत्र और क्षेत्रीय फिल्मों के लिए 12 रजत पदक प्रदान किए गए थे।[1]
• प्रथम राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (राजकीय पुरस्कार) दो दिनों तक आयोजित किए गए, जिसके दौरान प्रदर्शनियां आयोजित की गईं और पुरस्कारों की प्रस्तुति के साथ-साथ दो वृत्तचित्रों का प्रीमियर भी किया गया। राजकीय पुरस्कार शुरू में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मूल्य के साथ ही उच्च सौंदर्य और तकनीकी मानक की फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किए गए थे।
फिल्म जांच समिति (1949 में स्थापित) ने राजकीय पुरस्कारों की सिफारिश की थी और यह भी सुझाव दिया कि फीचर फिल्मों के लिए क्षेत्रीय पुरस्कार अगले वर्षों में दिए जाने चाहिए। क्षेत्रीय सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पहले छह वर्षों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिया गया। पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार 1968 में क्रमशः उत्तम कुमार तथा नरगिस को दिया गया था। ऐसा 1967 की फिल्मों के लिए कलाकारों एवं तकनीशियनों के लिए अलग से पुरस्कार स्थापित किए जाने के बाद हुआ था।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार को शुरू में ‘उर्वशी’ कहा जाता था और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार को ‘भारत’ कहा जाता था। 3 मई, 1913 को पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र की रिलीज के उपलक्ष्य में हर साल 3 मई को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
• इन वर्षों में, पुरस्कारों में विभिन्न पुरस्कार श्रेणियां और नामकरण रखे गए हैं। पुरस्कार श्रेणियों में कई तकनीकी शिल्प भी जोड़े गए हैं। धीरे-धीरे पुरस्कारों की संख्या बढ़ती जा रही है।
• हर साल, पिछले वर्ष के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हेतु प्रविष्टियां मांगने के बाद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय फीचर फिल्म, गैर फीचर फिल्म तथा सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ लेखन अनुभागों के लिए अलग-अलग जूरी का गठन करता है, जिसमें सिनेमा, कला के संबद्ध रूपों एवं मानविकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित लोग शामिल होते हैं। 57वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के बाद से, फीचर फिल्म अनुभाग में पुरस्कार दो स्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से तय किए जाते हैं। प्रविष्टियों को पांच क्षेत्रीय पैनलों द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाता है और फिर पुरस्कारों के विजेताओं का फैसला एक राष्ट्रीय पैनल द्वारा किया जाता है।
गैर-फीचर फिल्म अनुभाग और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन पुरस्कार के लिए विशिष्ट जूरी हैं। दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चयन विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए गठित प्रख्यात फिल्म हस्तियों की एक समिति की अनुशंसा पर आधारित है। इस पुरस्कार के लिए कोई प्रविष्टियां आमंत्रित नहीं की जाती हैं।
• पहले फिल्म महोत्सवों का आयोजन फिल्म महोत्सव निदेशालय का अधिकार क्षेत्र में था, जिसे मार्च 2022 में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) को स्थानांतरित कर दिया गया था।
70वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2022) समारोह
वर्ष 2022 के लिए 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा जूरी द्वारा 16 अगस्त, 2024 को की गई। 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह 8 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया, जहां पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पुरस्कार प्रदान किए।
पुरस्कारों की श्रेणियां
1. फीचर फिल्म पुरस्कार: विभिन्न भाषाओं और शैलियों में उत्कृष्ट फ़ीचर फ़िल्मों को मान्यता देना।
2. गैर-फीचर फिल्म पुरस्कार: लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों और एनीमेशन फिल्मों को इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
3. सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन: उन पुस्तकों और समीक्षकों का सम्मान करना, जो भारतीय सिनेमा के विकास में योगदान देते हैं।
4. दादा साहब फाल्के पुरस्कार: भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 के विजेता
सिनेमा परिणामों पर सर्वश्रेष्ठ लेखन
1. सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार अनिरुद्ध भट्टाचार्जी और पार्थिव धर द्वारा अंग्रेजी में लिखी गई “किशोर कुमार: द अल्टीमेट बायोग्राफी” को दिया गया है। यह पुस्तक हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की गई थी। दोनों लेखकों को स्वर्ण कमल और प्रत्येक को 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
2. सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक का पुरस्कार दीपक दुआ को हिंदी भाषा में उनके काम के लिए दिया गया है। उन्हें प्रतिष्ठित स्वर्ण कमल और 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
गैर-फीचर फिल्म परिणाम
1. सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार हिंदी/उर्दू में आईना (मिरर) को दिया गया है, जो द फिल्म्स द्वारा निर्मित और सिद्धांत सरीन द्वारा निर्देशित है। प्रत्येक विजेता को स्वर्ण कमल और को 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
2. किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म का पुरस्कार कन्नड़ में बस्ती दिनेश शेनॉय द्वारा निर्देशित ‘मध्यांतर’ को दिया गया है। विजेता को स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
3. सर्वश्रेष्ठ जीवनी/ऐतिहासिक पुनर्निर्माण/संकलन फिल्म का पुरस्कार मराठी में ‘अनाखी एक मोहनजो दारो’ (एक और मोहनजोदड़ो) को दिया गया है । यह फिल्म डी गोअन स्टूडियो और अशोक राणे प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित और अशोक राणे द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में रजत कमल और प्रत्येक को 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
4. सर्वश्रेष्ठ कला/संस्कृति फिल्म का पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है:-
(ए) कन्नड़ में रंगा विभोग (मंदिर नृत्य परंपरा), सुनील नरसिम्हाचार पुराणिक द्वारा निर्मित और निर्देशित।
(बी) वर्सा (विरासत) मराठी में, सचिन बालासाहेब सूर्यवंशी द्वारा निर्मित एवं निर्देशित। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
5. सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार मराठी में सोहिल वैद्य द्वारा निर्मित और निर्देशित मर्मर्स ऑफ द जंगल को दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
6. सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार ‘ऑन द ब्रिंक सीजन 2’ – अंग्रेजी में घड़ियाल, द गैया पीपल द्वारा निर्मित और आकांक्षा सूद सिंह द्वारा निर्देशित किया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
7. सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म का पुरस्कार ‘ए कोकोनट ट्री (साइलेंट)’ को दिया गया है, जो जेबी प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, जोशी बेनेडिक्ट द्वारा निर्देशित तथा एनिमेटेड है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये शामिल है।
8. सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म (30 मिनट तक) का पुरस्कार असमिया में ‘ज़ुन्योटा (शून्य)’ को दिया गया है, जो एचएम प्रोडक्शन द्वारा निर्मित और नबापन डेका द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
9. सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार बंगाली/हिंदी/अंग्रेजी में मिरियम चांडी मेनाचेरी द्वारा निर्देशित ‘फ्रॉम द शैडोज’ को दिया गया है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
10. सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार हिंदी और अंग्रेजी में ‘मोनो नो अवेयर’ को दिया गया है, जिमसें सिनेमैटोग्राफी सिद्धार्थ दीवान की है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
11. सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन का पुरस्कार हिंदी/मालवी में ‘यान (वाहन)’ को दिया गया है, जिसका साउंड डिजाइन मानस चौधरी का है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
12. सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार कन्नड़ में ‘मध्यांतर’ को दिया गया है, जिसका संपादन सुरेश यूआरएस ने किया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
13. हिंदी में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार फुर्सत (लेजर) को दिया गया है, जिसका संगीत निर्देशन विशाल भारद्वाज ने किया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
14. सर्वश्रेष्ठ कथन/वॉयस ओवर का पुरस्कार मराठी में सुमंत शिंदे के कथन के साथ ‘मर्मर्स ऑफ द जंगल’ को दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
15. सर्वश्रेष्ठ कथानक का पुरस्कार हिंदी और अंग्रेजी में कौशिक सरकार द्वारा लिखित ‘मोनो नो अवेयर’ को दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
16. इनका विशेष रूप से उल्लेख किया गया है:
o असमिया में बिरुबाला “विच टू पद्मश्री”, एमी बरुआ प्रोडक्शन सोसाइटी द्वारा निर्मित और एमी बरुआ द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में एक प्रमाणपत्र शामिल है।
o हरगिला – असमिया में ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क, पीआई एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित और पार्थ सारथी महंत द्वारा निर्देशित है। सम्मान में एक प्रमाणपत्र शामिल है।
फीचर फिल्म – परिणाम
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मलयालम में ‘आट्टम (द प्ले)’ को दिया गया है, जो जॉय मूवी प्रोडक्शंस एलएलपी द्वारा निर्मित और आनंद एकार्शी द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
2. किसी भी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म का पुरस्कार हरियाणवी में प्रमोद कुमार द्वारा निर्देशित ‘फौजा’ को दिया गया है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
3. संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार कन्नड़ में ‘कंतारा’ को दिया गया है, जो होम्बले फिल्म्स एलएलपी द्वारा निर्मित और ऋषभ शेट्टी द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
4. राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार गुजराती में ‘कच्छ एक्सप्रेस’ को दिया गया है। यह फिल्म सोल सूत्र एलएलपी द्वारा निर्मित और विरल शाह द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
5. एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार हिंदी में ‘ब्रह्मास्त्र – भाग 1: शिवा’ को दिया गया है। यह फिल्म धर्मा प्रोडक्शंस, प्राइम फोकस और स्टारलाइट पिक्चर्स द्वारा निर्मित तथा अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है। वीएफएक्स पर्यवेक्षक जयकर अरुद्र, विरल ठक्कर और नीलेश गोरे ने रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार साझा किया।
6. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार हिंदी में सूरज आर बड़जात्या द्वारा निर्देशित उंचाई (जेनिथ) को दिया गया है। पुरस्कार में स्वर्ण कमल और 3,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
7. प्रमुख भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार ऋषभ शेट्टी को कन्नड़ फिल्म ‘कंतारा’ में उनके बेहतरीन अभिनय के लिए प्रदान किया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
8. अग्रणी भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नित्या मेनन को तमिल फिल्म ‘तिरुचित्रम्बलम’ और मानसी पारेख को कच्छ एक्सप्रेस (गुजराती) में बेहतरीन अभिनय के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
9. सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार पवन राज मल्होत्रा को फौजा (हरियाणवी) में उनके अभिनय के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
10. सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नीना गुप्ता को उंचाई (जेनिथ) (हिंदी) में उनके प्रदर्शन के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
11. सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार श्रीपथ को फिल्म मलिकप्पुरम (मलयालम) श्रेष्ठ अभिनय के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और नकद 2,00,000 रुपये शामिल है।
12. सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का पुरस्कार अरिजीत सिंह को ब्रह्मास्त्र – भाग 1: शिवा (हिंदी) के गीत “केसरिया” के लिए प्रदान किया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
13. सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पुरस्कार बॉम्बे जयश्री को सऊदी वेल्लक्का सीसी 225/2009 (मलयालम) के गीत “चायुमवेयिल” के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
14. सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार रवि वर्मन को पोन्नियिन सेलवन – भाग I (तमिल) के लिए दिया गया है। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
15. सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार जिन्हें प्रदान किया गया है:-
• मूल श्रेणी में ‘अट्टम (द प्ले) (मलयालम)’ के लिए आनंद एकार्शी। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
• संवाद लेखन श्रेणी में ‘गुलमोहर (हिन्दी)’ के लिए अर्पिता मुखर्जी और राहुल वी चित्तेला। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
16. सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन का पुरस्कार आनंद कृष्णमूर्ति को ‘पोन्नियिन सेलवन – भाग I (तमिल)’ के लिए दिया गया है। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
17. सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार ‘अट्टम (द प्ले) (मलयालम)’ के लिए महेश भुवनेंद को दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
18. सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन का पुरस्कार आनंद अध्या को ‘अपराजितो (द अनडिफीड) (बंगाली)’ के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
19. सर्वश्रेष्ठ पोशाक डिजाइन का पुरस्कार निकी जोशी को ‘कच्छ एक्सप्रेस (गुजराती)’ लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
20. सर्वश्रेष्ठ मेकअप का पुरस्कार सोमनाथ कुंडू को ‘अपराजितो (द अनडिफीड) (बंगाली)’ के लिए दिया गया है। पुरस्कार में रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
21. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (गीत) का पुरस्कार प्रीतम को ‘ब्रह्मास्त्र – भाग 1: शिवा’ (हिंदी) के लिए प्रदान किया गया। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। इसी श्रेणी में ए.आर. रहमान ने तमिल फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन – पार्ट I के बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार जीता। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
22. नौशाद सदर खान ने अपने गीत सलामी के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार जीता, जिसने हरियाणवी फिल्म ‘फौजा’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
23. जानी मास्टर और सतीश कृष्णन को तमिल फिल्म ‘थिरुचित्राम्बलम’ के गीत ‘मेघम करुकथा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर का पुरस्कार दिया गया। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
24. अनबरीव ने कन्नड़ फिल्म के.जी.एफ चैप्टर-2 के लिए सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन (स्टंट कोरियोग्राफी) का पुरस्कार जीता। उन्हें रजत कमल और 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
25. प्रत्येक भाषा में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म:-
यह पुरस्कार संविधान की अनुसूची आठवीं में निर्दिष्ट भाषा में बनी सभी फिल्मों के लिए निर्दिष्ट है।
• सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म का पुरस्कार ‘एमुथिपुथी (ए वेरी फिशी ट्रिप)’ ने जीता। निर्माता, मेटानॉर्मल मोशन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्देशक कुलनंदिनी महंत को रजत कमल और प्रत्येक को 2,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
• सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म के रूप में ‘काबेरी अंतर्धान (काबेरी वैनिशेस)’ को सम्मानित किया गया। निर्माता सुरिंदर फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्देशक कौशिक गांगुली को रजत कमल तथा प्रत्येक को 2,00,000 रुपये मिले।
• सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार ‘गुलमोहर’ ने जीता। निर्माता, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और निर्देशक राहुल वी चित्तेला को रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
• सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म का पुरस्कार ‘के.जी.एफ चैप्टर-2’ को मिला। निर्माता होम्बले फिल्म्स एलएलपी और निर्देशक प्रशांत नील को रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये प्रदान किए गए।
• सऊदी वेल्लक्का सीसी 225/2009 (सऊदी बेबी कोकोनट सीसी 225/2009) ने सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म का पुरस्कार जीता। निर्माता उर्वशी थिएटर्स और निर्देशक थारुण मूर्ति को रजत कमल तथा प्रत्येक को 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
• सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म का पुरस्कार ‘वालवी (द टर्माइट)’ ने जीता। निर्माता मायासभाकर्मानुकमंडली और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड तथा निर्देशक परेश मोकाशी के साथ प्रत्येक को रजत कमल और 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
• सर्वश्रेष्ठ उड़िया फिल्म का पुरस्कार ‘दमन’ ने जीता। निर्माता, जेपी मोशन पिक्चर्स, निर्देशक विशाल मौर्य तथा देबी प्रसाद लेंका को रजत कमल और प्रत्येक को 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
• सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म का पुरस्कार ‘बागी दी धी (द डॉटर ऑफ अ रिबेल)’ ने जीता। निर्माता जी-नेक्स्ट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और निर्देशक मुकेश गौतम को रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये प्रदान किए गए।
• सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म का पुरस्कार ‘पोन्नियिन सेलवन-पार्ट I’ को मिला। निर्माता, मद्रास टॉकीज़ और निर्देशक मणिरत्नम को रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
• सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म का पुरस्कार ‘कार्तिकेय-2 (दैवममानुष्यरूपेण)’ ने जीता। निर्माता, अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स एलएलपी और पीपल मीडिया फैक्ट्री, निर्देशक चंदूमोंडेती के साथ प्रत्येक को रजत कमल तथा 2,00,000 रुपये से सम्मानित किया गया।
26. संविधान की अनुसूची आठवीं में निर्दिष्ट भाषाओं के अलावा प्रत्येक भाषा में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार:
सिकैसल (इफ ओनली ट्रीज कुड टॉक) को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ तिवा फिल्म का पुरस्कार दिया गया। फिल्म के निर्माता, इमेजिंग मीडिया और डॉ. बॉबी सरमा बरुआ को प्रतिष्ठित रजत कमल और प्रत्येक को 2,00,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
27. 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में मनोज बाजपेयी को हिंदी फिल्म गुलमोहर में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विशेष उल्लेख से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, संगीत निर्देशक संजय सलिल चौधरी को मलयालम फिल्म ‘कधिकन’ में उनके असाधारण योगदान के लिए विशेष उल्लेख किया गया।
दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
वर्ष 1969 में देविका रानी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया और भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार सिनेमा में भारत का सर्वोच्च सम्मान है । यह भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिवर्ष उन हस्तियों व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की प्रगति एवं विकास में उत्कृष्ट योगदान दिया है। पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल, 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक शॉल शामिल है।
निम्नलिखित सदस्य दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति में शामिल थे:
1. सुश्री आशा पारेख
2. सुश्री खुशबू सुंदर
3. श्री विपुल अमृतलाल शाह
दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड-2022
जाने-माने अभिनेता श्री मिथुन चक्रवर्ती को वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मिथुन चक्रवर्ती को मिथुन दा के नाम से भी जाना जाता है और वे एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता, निर्माता एवं राजनीतिज्ञ हैं, जो अपनी बहुमुखी भूमिकाओं और विशिष्ट नृत्य शैली के लिए पहचाने जाते हैं। 16 जून, 1950 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्मे गौरांग चक्रवर्ती ने अपनी पहली ही फिल्म “मृगया” (1976) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
मिथुन ने 1980 के दशक में “डिस्को डांसर” (1982) में लोकप्रियता हासिल की । यह फिल्म भारत सहित विदेशों में भी काफी हिट हुई । इस फिल्म से उनकी इमेज ‘डांसिंग सनसनी’ के रूप में बनी । बाद में, मिथुन चक्रवर्ती ने ताहादेर कथा (1992) तथा स्वामी विवेकानंद (1998) में अपनी भूमिकाओं के लिए दो और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते। मिथुन ने अपने करियर में हिंदी, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी और तेलुगु सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। वह एक्शन से लेकर ड्रामा व कॉमेडी तक में बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते हैं । उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते हैं।
अंत में, 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास और स्थायी प्रभाव के प्रमाण के रूप में सामने आते हैं। दशकों से, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने न केवल सिनेमाई प्रतिभा को पहचान दी है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक छवि को आकार देने वाली विविध संस्कृतियों और कहानियों का भी उत्सव मनाया है। फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं, लेखकों और तकनीशियनों की प्रतिभा को सम्मानित करते हुए ये पुरस्कार फिल्म उद्योग में रचनात्मकता एवं नवीनता को प्रोत्साहित करते हैं। वर्तमान में भारतीय सिनेमा दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार एक प्रतिष्ठित मंच है, जो सिनेमा जगत में बेहतरीन योगदान का सम्मान करता है।