जामिया ने अंतर्राष्ट्रीय अंतःविषयक विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया: यंग स्कॉलर्स मीट

@ नई दिल्ली

09 अक्टूबर, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय अंतःविषयक विज्ञान सम्मेलन: यंग स्कॉलर्स मीट (आई-आईएससी-2024) का आयोजन किया गया । सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पीएचडी शोधार्थियों, पोस्ट-डॉक्टरल फेलो और युवा संकाय सदस्यों सहित लगभग 500 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया।
इस अनूठे कार्यक्रम में युवा शोधार्थियों को सीधे अपने रॉ डेटा को प्रस्तुत करने की अनुमति देने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि उनके मेंटर्स ने दर्शक के रूप में कार्य किया ।
सम्मेलन ने क्वांटम मैकेनिक्स, बैक्टीरियल रेजिस्टेंस, सीआरएसपीआर –सीएएस9, बायोइनफॉरमैटिक्स, ड्रग डिज़ाइन और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों सहित जैविक और भौतिक विज्ञान के कई विषयों को कवर किया। इस सम्मेलन का उल्लेखनीय आकर्षण प्रधानमंत्री के शोध अध्येताओं (PMRF) की भागीदारी थी, जिन्होंने संरचनात्मक जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और नैनोबायोटेक्नोलॉजी जैसे विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में अपने अभूतपूर्व शोध कार्य प्रस्तुत किए।
इस सममेलन में 70 मौखिक प्रस्तुतियाँ, 200 पोस्टर प्रस्तुतियाँ और 25 अंतर्राष्ट्रीय वार्ताएँ शामिल थीं, जो वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देती हैं। पोस्टर सत्र ने युवा शोधकर्ताओं को गहन चर्चाओं में शामिल होने का मौका दिया, जिससे विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक जीवंत माहौल बना। इसके अतिरिक्त नोमिक्स और प्रोटिओमिक्स जैसे क्षेत्रों के उद्योग पेशेवरों ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की और वह भी यह प्रदर्शित करते हुए कि किस प्रकार तकनीकी नवाचार अनुसंधान को प्रभावित कर रहे हैं।
स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों द्वारा आयोजित आइसब्रेकर सत्र, गोलमेज चर्चाएँ और मज़ेदार गतिविधियाँ सम्मेलन में चार चाँद लगाती रहीं। आई -आई सी 2024 अंतःविषयक विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच था, जो युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने, सहयोग करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में योगदान करने में सक्षम बनाता है।
जामिया के जीवन विज्ञान संकाय के डीन प्रो. जाहिद अशरफ ने वैज्ञानिक सोच को जागृत करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग के युग में युवाओं, भारतीय विज्ञान और नोबेल पुरस्कार विजेताओं को सहसंबंधित किया। केंद्र के निदेशक प्रो. राजन पटेल ने भारत सरकार की नीतियों के अनुसार स्थायी विज्ञान समाधानों पर अधिक बल देते हुए विज्ञान में युवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। डीन, छात्र कल्याण, प्रो. सीमी फरहत बसीर ने भारतीय जीवन विज्ञान में रामानुजन ब्लॉक की भूमिका और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एनआईआरएफ रैंकिंग को स्वीकार किया।
आयोजन सचिव प्रो असिमुल इस्लाम ने युवावस्था में विज्ञान को बढ़ावा देकर युवा मन में चिंगारी जगाते हुए सत्र का समापन किया। पुरस्कार वितरण, नकद पुरस्कार और पैनल चर्चा के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। सम्मेलन में ऑनलाइन मोड से दुनिया भर में केंद्र के पूर्व छात्रों ने भी भाग लिया।

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