@ नई दिल्ली
कार्बन उत्सर्जन कम करना जीवाश्म इंधन आधारित बिजली संयंत्र के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। इसलिए, वैश्विक स्तर पर फ्ळू गैस से CO2 प्राप्त करना और इसे मूल्यवान ईंधन तथा रसायनों में परिवर्तित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
NTPC की अनुसंधान एवं विकास शाखा, नेत्रा ने भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के सहयोग से CO2 से मेथनॉल के हाइड्रोजनीकरण के लिए स्वदेशी उत्प्रेरक विकसित किया है। किसी भी रासायनिक संश्लेषण के लिए उत्प्रेरक एक आवश्यक घटक है।
उत्प्रेरक के लक्षण वर्णन के बाद, उत्प्रेरक की लंबी अवधि वाले मात्रात्मक और गुणात्मक प्रदर्शन का मूल्यांकन विशेष रूप से डिजाइन किए गए 10 किलोग्राम प्रतिदिन वाले मेथनॉल पायलट संयंत्र में किया जा रहा है। यहां, 1 मोल CO2 और 3 मोल H2 फिक्स बेड डाउन फ्लो रिएक्टर में डाले गये। इस उत्प्रेरक द्वारा उत्पादित मेथनॉल की शुद्धता 99 प्रतिशत से अधिक है।
NTPC ने ग्रीनहाउस गैस कटौती के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में महत्वपूर्ण प्रगति की है और ऊर्जा क्षेत्र में टिकाऊ तौर तरीकों के लिए एक मानक स्थापित किया है। NTPC की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी – NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड वैश्विक जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों और 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की भारत की शपथ के अनुरूप, अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण पहल कर रही है।