@ तिरूवनंतपुरम केरल
राज्य विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता में जूनियर बालिका वर्ग की 3000 मीटर दौड़ में अर्चना के स्वर्ण पदक से मां कृष्णप्रिया का सपना खिल उठा। अर्चना एस. पलक्कड़ मुंडूर एचएस की छात्रा हैं।
‘मैं अपनी छोटी आय द्वारा प्रदान की जा सकने वाली सीमित सुख-सुविधाएँ वहन करने में सक्षम हूँ। मेरी बेटी ने जीवन की बाधाओं से लड़कर यह उपलब्धि हासिल की है।’ अर्चना की मां विष्णुप्रिया ने कहा कि उन्हें इस पर गर्व और खुशी है।
कोच एनएससीजी से हैं जो पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पीयू चित्रा के खेल शिक्षक भी हैं। पलक्कड़ के उनके 22 छात्र, जिनमें 3000 मीटर जूनियर लड़कों की पैदल चाल में स्वर्ण पदक जीतने वाले एस.जगन्नाथन भी शामिल हैं, इस साल के स्कूल खेल मेले में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
पलक्कड़ के अधिकांश एथलीट सामान्य खेतिहर मजदूरों और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के परिवारों से आते हैं। उनके लिए प्रोत्साहन और सुविधाओं में और सुधार किया जाना चाहिए। तभी उन्हें एक खिलाड़ी का दर्जा दिया जा सकता है। कोच एनएस सीजिल ने कहा कि पलक्कड़ अभी भी कल के होनहार एथलीटों के योगदान के लिए मिट्टी रहेगी।
इडुक्की सीएचएस कैल्वरीमाउंट की अलीना साजिक ने 3000 मीटर में रजत पदक जीता। पलक्कड़ एमएनकेएचएसएस चितिलानचेरी की रेवती राजन ने कांस्य पदक जीता।