@ नई दिल्ली :
बिहार के कालूघाट में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के इंटरमॉडल टर्मिनल को जीआरआईएचए परिषद से पांच सितारा एसवीएजीआरआईएचए रेटिंग मिली है। यह टर्मिनल, राष्ट्रीय जलमार्ग 1- गंगा नदी की क्षमता वृद्धि के लिए विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित जल मार्ग विकास परियोजना के तहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा किए गए कई बुनियादी ढांचागत हस्तक्षेपों में से एक है। यह पुरस्कार जेएमवीपी के निदेशक अरविंद कुमार के साथ-साथ जेएमवीपी के विशेषज्ञ (पर्यावरण प्रभाव आकलन) मनीष तिवारी और अनुबंधकर्ता एजेंसी संजय कंस्ट्रक्शन कंपनी के परियोजना प्रबंधक जे जे पटेल ने प्राप्त किया।
एसवीएजीआरआईएचए रेटिंग जिसका मतलब सरल बहुमुखी किफायती जीआरआईएचए (गृह) है और यह केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट का एक संयुक्त उपक्रम है।
यह रेटिंग एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिए ग्रीन रेटिंग (जीआरआईएचए) के तहत हरित इमारतों और स्थिरता की अवधारणा का समर्थन करती है। यह रेटिंग राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (एनडब्ल्यू 1) गंगा नदी पर कार्गो और यात्री आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक आईडब्ल्यूटी बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय आईडब्ल्यूएआई द्वारा अपनाए गए पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ तौर तरीकों को मान्यता देती है। टर्मिनल के निर्माण के दौरान फाइबर, रिसाइकिल करने योग्य ग्लास, पेंट, सैनिटरी फिक्स्चर आदि रिसाइकिल करने योग्य सामग्रियों के उपयोग को सुनिश्चित करके पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के लिए IMT कलुघाट को पांच सितारा रेटिंग मिली।
IMT का निर्माण जीआरआईएचए परिषद द्वारा निर्दिष्ट ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन मानदंडों पर आधारित है, जिसमें टिकाऊ साइट नियोजन, टिकाऊ निर्माण सामग्री, ऊर्जा अनुकूलन, जल प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे पहलू शामिल हैं।
कालूघाट IMT के पास पानी को रिसाइकिल करने के लिए सीवेज उपचार योजना है और यह संचालन के दौरान अक्षय ऊर्जा के इष्टतम उपयोग पर निर्भर करता है। निर्माण कार्य के दौरान निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट का उपयोग IMT की योजना और निर्माण कार्य की प्रमुख विशेषताओं में से एक था।
82.48 करोड़ रुपये की लागत और 77,000 टीईयू प्रति वर्ष की क्षमता के साथ निर्मित, एनडब्ल्यू 1 पर IMT कालूघाट उत्तर बिहार के भीतरी इलाकों से निकलने वाले या वहां जाने वाले कार्गो के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह एक्जिम कार्गो के लिए नेपाल को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कुशल मार्गदर्शन में विकसित भारत के विजन के साथ तालमेल बिठाते हुए, आईडब्ल्यूएआई देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देकर राष्ट्रीय जलमार्गों पर समावेशी और जलवायु के लिहाज से लचीले आईडब्ल्यूटी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। IMT कालूघाट इसका ही एक उदाहरण है।