@ जयपुर राजस्थान : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में वंचित तबकों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। इसी क्रम में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला, दिव्यांग, डीएनटी, वृद्धजन और बालकों सहित समाज के दुर्बल वर्गों को जनकल्याणकारी योजनाओं से संबल दिया जा रहा हैै। ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
अविनाश गहलोत शुक्रवार को विधान सभा में मांग संख्या -31 (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की 1 खरब 37 अरब 11 करोड़ 07 लाख 34 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आमजन को राहत पहुंचाने के लिए अन्त्योदय की भावना से कार्य किया है। सरकार ने अनुसूचित जाति उपयोजना एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए बजट राशि 2025-26 में बढ़ाकर 1750 करोड़ रुपए किए जाने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2025-26 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए प्रति माह करने की भी घोषणा की है। इसके लिए 13466.06 करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। दिसम्बर, 2024 तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि का भुगतान लाभार्थियों को कर दिया गया है।
गहलोत ने कहा कि अनाथ बच्चों को पालनहार योजना के तहत प्रति माह आर्थिक सहायता देने के लिए 1 हजार 110 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही, वंचित तबकों के विद्यार्थियों को उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 774.54 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना‘ के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 18 वर्ष से 45 आयु वर्ग के कॉलेज में अध्ययनरत अथवा स्वयं का रोजगार कर रहे विशेष योग्यजन को 2 हजार स्कूटी वितरित की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना‘ अंतर्गत 30 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 108 करोड़ रूपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है। साथ ही, राज्य सरकार छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के मैस भत्ते में भी बढ़ोतरी कर रही है। बजट घोषणा वर्ष 2024-25 में 2500 से बढ़ाकर 3000 प्रतिमाह मैस भत्ता किया गया, जिसे अब बजट घोषणा 2025-26 में फिर बढ़ाकर 3250 रूपए प्रतिमाह किया गया है, जिसे हर वर्ग ने सराहा।
गहलोत ने कहा कि विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय की पीड़ा को राज्य सरकार ने महसूस किया। पहली बार ‘दादूदयाल घुमन्तु सशक्तिकरण योजना‘ प्रारंभ की। इस पर 60 करोड़ रूपए का व्यय प्रस्तावित है। इन समुदायों के 57 हजार से अधिक व्यक्तियों को शिविर लगाकर आवश्यक दस्तावेज जारी किए गए हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत रत्न डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए अनुसूचित जाति समुदाय के लिए ‘अम्बेडकर पंचतीर्थ भ्रमण योजना‘ का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत उनके जीवन से जुड़े तीर्थों पर भ्रमण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए संयुक्त सहायता अनुदान योजना को आगे बढ़ाते हुए बजट 2025-26 में 1 लाख विशेष योग्यजनों को लाभान्वित करने के लिए घोषणा की है। इस पर 150 करोड़ रूपए व्यय होंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के लिए राहत पैकेज प्रारंभ किए हैं। इसमें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित 1800 व्यक्तियों को 1 लाख रूपए मूल्य की इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, विशेष बीमारियों से ग्रसित बच्चों के इलाज एवं उनकी देखभाल करने के लिए ‘आयुष्मान बाल संबंल योजना‘ प्रारंभ की गई है। इसमें ऐसे बच्चों की पहचान कर बच्चों के परिवार को 5 हजार रूपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न मीडिया स्त्रोतों से मनोरोगियों की जानकारी प्राप्त होने पर विभाग द्वारा संवेदनशीलता के साथ निःशुल्क उपचार कराया जा रहा है। ताकि मनोचिकित्सा प्राप्त कर वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके।