@ नई दिल्ली
वार्षिक सूचना विवरण समस्त पंजीकृत आयकरदाताओं के लिए अनुपालन पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध है जिसे ई-फाइलिंग वेबसाइट (www.incometax.gov.in) के माध्यम से देखा जा सकता है या एक्सेस किया जा सकता है।
AIS में संबंधित करदाता द्वारा किए गए बड़ी संख्या में उन वित्तीय लेन-देन का विवरण होता है जिन पर उन्हें कर देना पड़ सकता है। AIS को विभिन्न सूचना स्रोतों से प्राप्त वित्तीय डेटा के आधार पर भरा जाता है।
AIS में करदाता को उसमें दर्शाए गए प्रत्येक लेन-देन पर अपना फीडबैक देने की सुविधा प्रदान की गई है। यह फीडबैक दरअसल करदाता को इस तरह की जानकारी के स्रोत द्वारा दी गई जानकारी की सटीकता पर टिप्पणी करने में मदद करता है। गलत जानकारी देने की स्थिति में उसे स्वत: तरीके से पुष्टि के लिए संबंधित स्रोत के पास ले जाया जाता है। उल्लेखनीय है कि कर कटौतीकर्ताओं/संग्रहकर्ताओं और रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी के संबंध में सूचना पुष्टिकरण को वर्तमान में कार्यात्मक बना दिया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब सूचना पुष्टिकरण प्रक्रिया की स्थिति दर्शाने के लिए AIS में एक नई सुविधा शुरू की है। AIS यह दर्शाएगा कि करदाता के फीडबैक को संबंधित स्रोत द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से स्वीकार या अस्वीकार करके उस पर कोई कदम उठाया गया है या नहीं। इस पर आंशिक या पूर्ण स्वीकृति होने की स्थिति में संबंधित स्रोत द्वारा एक संशोधन विवरण दाखिल करके जानकारी को सही करना अत्यंत आवश्यक है। संबंधित स्रोत की ओर से फीडबैक का पुष्टिकरण किए जाने की स्थिति में करदाता को निम्नलिखित विशेषताएं दिखाई देंगी।
- क्या पुष्टिकरण के लिए फीडबैक को साझा किया गया है: इससे करदाता को पता चल जाएगा कि पुष्टिकरण के लिए फीडबैक को रिपोर्टिंग स्रोत के साथ साझा किया गया है या नहीं।
- फीडबैक को साझा किया गया: इससे करदाता को वह तारीख पता चल जाएगी जिस दिन पुष्टि के लिए फीडबैक को रिपोर्टिंग स्रोत के साथ साझा किया गया है।
- स्रोत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी : इससे करदाता को वह तारीख पता चल जाएगी जिस दिन रिपोर्टिंग स्रोत ने पुष्टिकरण के लिए उसके साथ साझा किए गए फीडबैक पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
- स्रोत की प्रतिक्रिया या जवाब: इससे करदाता को यह पता चल जाएगा कि करदाता के फीडबैक पर स्रोत द्वारा दी गई प्रतिक्रिया या जवाब क्या है (कोई संशोधन आवश्यक है या नहीं)।
इस नई सुविधा से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि यह करदाताओं के लिए इस तरह की जानकारी को AIS में दर्शाएगी। यह अनुपालन को आसान बनाने और करदाताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में आयकर विभाग की ओर से एक और अहम पहल है।