@ नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने आज यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश भर में लू की स्थिति और लू से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अस्पताल हीटवेव से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए तैयार रहें।
श्री नड्डा ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में विशेष हीटवेव यूनिट्स शुरू करने का भी निर्देश दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के तहत आज स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है।
हीट वेव सीज़न 2024 पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के लिए एडवाइजरी:
गर्मियों के तापमान के देखे गए ट्रेंड के अनुरूप देश में मौसमी अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी से होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए, स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी होगी।
राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के तहत राज्य नोडल अधिकारियों को निम्नलिखित गतिविधियां सुनिश्चित करनी होंगी:
1. सभी जिलों में निम्नलिखित दिशानिर्देशों का प्रसार:
• गर्मी से संबंधित बीमारियों पर राष्ट्रीय कार्य योजना, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय।
• भारत में गर्मी से संबंधित बीमारियों (एचआरआई) के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को मजबूत करना।
• हीटवेव की रोकथाम और प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देश।
2. हीट-हेल्थ एक्शन प्लान, राज्य स्तर पर जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य कार्य योजना का एक चैप्टर, को लागू करें
• केंद्रित तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए जिला-विशिष्ट व शहर-स्तरीय ताप-स्वास्थ्य कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सहायता करें।
3. जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य एवं जिला टास्क फोर्स के साथ बैठक
• राज्य/जिला स्तर पर हीट हेल्थ एक्शन प्लान को अपडेट करने और अनुमोदन के लिए एक टास्क फोर्स की बैठक आयोजित करें। इस योजना में ‘मानक संचालन प्रक्रियाओं’ का विवरण होना चाहिए जो हीटवेव के मौसम के दौरान लागू होंगी।
• तैयार किए गए हेल्थ सेक्टर हीट एक्शन प्लान को जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसीएचएच) में शामिल किया जाएगा और इसकी एक कॉपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) या राहत आयुक्त विभाग को हीटवेव पर राज्य कार्य योजना में शामिल करने के लिए भेजी जा सकती है।
4. गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत रिपोर्टिंग
• जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत आईएचआईपी पोर्टल पर 1 मार्च, 2024 से हीटस्ट्रोक के मामलों और मौतों, आपातकालीन उपस्थिति और कुल मौतों पर दैनिक डेटा जमा करना शुरू करें।
• पी-फॉर्म स्तर पर एंट्री का उपयोग करके निर्दिष्ट फॉर्म (कुल/रोगी-स्तर) के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं, पीएचसी और उससे ऊपर का डेटा जमा करें
• स्वास्थ्य सुविधा/अस्पताल स्तर पर हीटस्ट्रोक के मामलों और मौतों (संदिग्ध/पुष्टि) की डिजिटल लाइन सूची का दिए गए प्रारूप में रखरखाव सुनिश्चित करें।
• गर्मी से संबंधित बीमारी से होने वाली प्रत्येक संदिग्ध मृत्यु (संलग्न) हेतु चिकित्सा अधिकारी/महामारी विशेषज्ञ “संदिग्ध गर्मी से संबंधित बीमारी से मौत की जांच” करें (गर्मी से संबंधित बीमारी पर राष्ट्रीय कार्य योजना, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में विवरण) ताकि संदिग्ध एचआरआई मृत्यु के आसपास की परिस्थितियों को समझा जा सके।
5. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा प्रतिदिन 1600 बजे के बाद जारी की जाने वाली हीटवेव्स की पूर्व-चेतावनी का प्रसार, जिसमें अगले चार दिनों का पूर्वानुमान शामिल है, को स्वास्थ्य केंद्रों और ज्यादा प्रभावित आबादी तक किया जाना चाहिए।
6. जनता को अत्यधिक गर्मी से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरूक करने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य सलाह जारी करें और आईईसी गतिविधियों की योजना बनाएं। एनसीडीसी द्वारा सामान्य और ज्यादा प्रभावित आबादी के लिए हीटवेव पर तैयार की गई आईईसी सामग्री (https://ncdc.mohfw.gov.in/index1.php?lang=1&level=3&sublinkid=1091&lid=556) पर उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद के बाद राज्य में आईईसी तैयार करने के लिए इसे टेम्पलेट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. एचआरआई लक्षणों, मामले की पहचान, नैदानिक प्रबंधन, आपातकालीन कूलिंग और निगरानी रिपोर्टिंग पर स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की संवेदनशीलता और क्षमता निर्माण।
सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जन जागरूकता उपायों, व्यक्तिगत कूलिंग उपायों, एचआरआई पहचान, प्राथमिक चिकित्सा, रेफरल और रिपोर्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। नोडल अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और समुदाय के लिए एनपीसीएचएच द्वारा प्रकाशित प्रशिक्षण मैनुअल (https://ncdc.mohfw.gov.in/index1.php?lang=1&level=2&sublinkid=922&lid=697) का उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जाना चाहिए।
8. गंभीर एचआरआई की रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधा की तैयारी
• मात्रा में कमी और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन आदि के प्रबंधन में सहायता के लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, आइस-पैक और उपकरणों की खरीद और आपूर्ति।
• एक्टिव कूलिंग स्ट्रेटेजी की पहचान करें जिनका उपयोग उपलब्ध संसाधनों के आधार पर स्वास्थ्य केंद्रों और क्षेत्र स्तरों पर किया जा सकता है, आंतरिक प्रोटोकॉल विकसित करें, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें।
• भीषण गर्मी से संबंधित बीमारी के रोगियों की आपात स्थिति, तेजी से कूलिंग सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों और एम्बुलेंस के लिए संसाधनों की पहचान/खरीद करें। (एनपीसीसीएचएच पीआईपी वित्तीय वर्ष 24-25, 25-26 दिशानिर्देश)
• सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
• प्रतीक्षा और रोगी उपचार क्षेत्र में सामान्य कूलिंग उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता और उनकी फंक्शनिंग सुनिश्चित करें।
• संदिग्ध हीट स्ट्रोक वाले मामलों का तेजी से आकलन किया जाना चाहिए और मानक उपचार प्रोटोकॉल का उपयोग करके सक्रिय रूप से बेहतर उपचार किया जाना चाहिए।
9. अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती
• कूलिंग एप्लायंस के निरंतर कामकाज के लिए अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजली वितरण कंपनी/निगम के साथ समन्वय करें।
• स्वास्थ्य केंद्रों में इनडोर गर्मी और ऊर्जा संरक्षण को कम करने के लिए ठंडी छत/ग्रीन छत, खिड़की की छाया, वर्षा जल संचयन, सोलराइजेशन आदि उपाय अपनाएं।
• ज्यादा गर्म जगहों वाले स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर शेड की व्यवस्था करें
10. एचआरआई-केंद्रित सामूहिक सभा/खेल आयोजन की तैयारी
• गर्मियों के दौरान सामूहिक सभा या खेल गतिविधियों का आयोजन करते समय, स्वास्थ्य विभागों, अन्य संबंधित विभागों और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गर्मी से संबंधित बीमारियों (एचआरआई) को रोकने और प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त तैयारी की जानी चाहिए।
इवेंट प्लानिंग के लिए इन बातों पर ध्यान दें-
• पर्यावरणीय ताप।
• लू के पूर्वानुमान, उच्च आर्द्रता, सक्रिय लू की चेतावनियों को देखें और स्थानीय आईएमडी केंद्र से परामर्श लें।
• उन दिनों से बचें जब सक्रिय लू की चेतावनी, उच्च आर्द्रता की संभावना हो।
• दिन के सबसे गर्म समय (दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक) में बाहरी कार्यक्रमों की योजना बनाने से बचें।
• इवेंट ग्राउंड पर सुविधाएं/बुनियादी व्यवस्थाएं।
• चिकित्सा शिविर, कूलिंग एरिया, पानी की व्यवस्था करने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं की एक चिकित्सा टीम के साथ कार्यक्रम स्थल/मैदान के मूल्यांकन की योजना बनाएं।
• सुरक्षित, पेयजल प्रावधान।
• सभी उपस्थित लोगों के लिए पर्याप्त और सुरक्षित जल आपूर्ति व सुविधाजनक पहुंच की व्यवस्था की जानी चाहिए।
• प्रति व्यक्ति आवश्यक पानी की सुझाई गई मात्रा 20 लीटर/दिन और पीने के लिए 4 लीटर है।
• पूरे दिन के आयोजनों के लिए जल प्रावधान की गणना निम्नलिखित के आधार पर की जा सकती है-
1. प्रति व्यक्ति कम से कम 2 लीटर निःशुल्क पेयजल उपलब्ध हो या 500 मि.ली./घंटा की दर से गणना की गई हो, जो भी अधिक हो और
2. प्रति 500 लोगों पर एक जल आउटलेट की व्यवस्था हो।
3. सुरक्षा, पानी की गुणवत्ता व स्वच्छता के लिए जल आउटलेट की समीक्षा और अनुमोदन किया जाना चाहिए।
• आपातकालीन कूलिंग/छिड़काव के लिए पानी की मात्रा पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।
• शेड/शेल्टर: उपस्थित लोगों के खुले में सूर्य के संपर्क में आने को कम करने के लिए।
• कूलिंग शेल्टर्स: कुएं, सक्रिय रूप से हवादार/ठंडे कमरे/धुंध वाले क्षेत्रों का प्रावधान।
हेल्थ प्रमोशन और जोखिम संबंधी संचार
• भाग लेने वाली आबादी के लिए स्थानीय भाषा में लगातार संचार की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें, (कार्यक्रम के पहले और कार्यक्रम के दौरान) सोशल मीडिया, साइट पर पोस्टर, उपायों के बारे में वीडियो क्लिप/घोषणाओं के माध्यम से।
• डिहाइड्रेशन से बचना/पर्याप्त पानी का सेवन।
• उचित कपड़े पहनें और सनस्क्रीन, टोपी, छाता आदि जैसे सुरक्षात्मक उपाय करें।
• गर्मी से संबंधित बीमारियों का खतरा कम करें।
• एचआरआई के प्राथमिक संकेतों-लक्षणों, प्राथमिक चिकित्सा और प्रथम उत्तरदाताओं से संपर्क करने के तरीकों की पहचान करना।
स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी
• स्वास्थ्य निगरानी, चिकित्सा प्रबंधन और प्रतिक्रिया योजना में गर्मी से संबंधित बीमारियों पर विचार करें।
• घटना के प्रकार के आधार पर संभावित ज्यादा प्रभावित आबादी की सामान्य समझ रखें। सामूहिक खेल आयोजनों में अत्यधिक हीटस्ट्रोक देखा जा सकता है, तीर्थयात्रा से संबंधित सामूहिक सभा में क्लासिक हीटस्ट्रोक आम हो सकता है।
• मात्रा में कमी और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन आदि के प्रबंधन में सहायता के लिए ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, आइसपैक और उपकरणों के प्रावधान के माध्यम से गर्मी से संबंधित बीमारी (एचआरआई) को रोकें।
• गर्मी से संबंधित गंभीर बीमारियों के तुरंत आकलन और तुरंत रोकथाम को प्राथमिकता दें।
• गर्मी की थकावट और हीटस्ट्रोक के रोगियों के पूरे शरीर को तेजी से ठंडा करने के लिए सुरक्षित, सुलभ क्षेत्र निर्दिष्ट करें।
• पानी, शेड, वेन्यू की टॉपोग्रफी और पहुंच के आधार पर उपयुक्त त्वरित कूलिंग विधि की पहचान करें, इसी के मुताबिक उपकरण (रेक्टल थर्मामीटर, बर्फ के बक्से, बर्फ के टुकड़े, ठंडा पानी, टारप, आइस कूलर, पंखे, तौलिए/चादरें) खरीदें और कूलिंग एरिया तैयार करें।
• परीक्षण, तुरंत मूल्यांकन, त्वरित कूलिंग, चिकित्सा रिकॉर्ड रखने, रेफरल और निगरानी में उपस्थित चिकित्सा कर्मचारियों और संबंधित प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने वाले स्टाफ का प्रशिक्षण सुनिश्चित करें।
• निकटतम रेफरल स्वास्थ्य केंद्रों को नामित और सूचित करें जो पर्याप्त एचआरआई प्रबंधन और शीतलन सुविधाएं प्रदान कर सकें।
• गंभीर रोगियों को निकटतम सभी सुविधाओं से लैस स्वास्थ्य देखभाल केंद्र तक पहुंचाने के लिए आइस पैक और ठंडे पानी आदि के साथ एम्बुलेंस तैयार रखें।
इवेंट के दौरान इन बातों पर ध्यान दें-
• पर्याप्त एयर सर्कुलेश सुनिश्चित करें, कार्यक्रम स्थल पर भीड़भाड़ से बचें।
• प्रवेश द्वार पर और कार्यक्रम क्षेत्र के भीतर चेकपॉइंट्स के साथ कार्यक्रम में ज्यादा प्रभावित लोगों की पहचान और निगरानी करें; साइट पर स्वयंसेवकों/कैमरों की मदद से निगरानी।
• उपयुक्त पोर्टेबल आइस बॉक्स, ठंडे पानी, ओआरएस पैकेट के साथ वर्दीधारी चिकित्सा सहायता टीमों को तैनात किया जाना चाहिए।
• गर्मी के प्रभावों और हाइड्रेटेड व ठंडे रहने के रीमाइंडर्स के संबंध में अच्छा सार्वजनिक संचार जारी रखें।
• कार्यक्रम स्थल के विस्तृत मानचित्र और प्रदर्शन पर दिशा-निर्देशों के माध्यम से जनता को मेडिकल चेक पोस्ट्स, निकटतम निकास की ओर मार्गदर्शन करें।
• एचआरआई के लिए इलाज किए गए सभी रोगियों का उचित प्रबंधन एवं दस्तावेज़ीकरण और उनके फर्स्ट एड के बाद फॉलोअप सुनिश्चित करें।
• एनपीसीसीएचएच के तहत गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी में हीटस्ट्रोक के मामलों और मौतों की रिपोर्ट करें।
• हेल्थकेयर टीम और इवेंट का आयोजन करने वालों के बीच प्रभावी संचार कायम करके रखें।
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