डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के G20 टास्क फोर्स की रिपोर्ट जारी

@ नई दिल्ली

आर्थिक परिवर्तन वित्तीय समावेश और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के G20 टास्क फोर्स’ द्वारा आज नई दिल्ली में अंतिम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के G20 टास्क फोर्स की रिपोर्ट’ जारी की गई। टास्क फोर्स का नेतृत्व सह-अध्यक्षों – भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत और इंफोसिस के सह-संस्थापक और अध्यक्ष तथा UIDAI के संस्थापक अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने किया।

इस टास्क फोर्स के काम के कारण भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की परिभाषा और रूपरेखा को स्वीकार किया गया था और इसे ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी अध्यक्षता के दौरान कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।

सफल G20 अध्यक्षता और अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद टास्क फोर्स की रिपोर्ट का उद्देश्य दुनिया भर में डीपीआई की नींव को मजबूत करना है। पूरी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है:

https://dea.gov.in/sites/default/files/Report%20of%20Indias%20G20%20Task%20Force%20On%20Digital%20Public%20Infrastructure.pdf

रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में एक अभूतपूर्व पड़ाव प्राप्त किया है। हमने नौ वर्षों में वह हासिल किया जो डीपीआई के बिना 50 वर्षों में होता। आज भारत में यूपीआई का उपयोग रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक सभी स्तरों पर किया जाता है जिसमें वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन का प्रतिशत सबसे अधिक है जो लगभग 46 प्रतिशत हिस्सा है।

ये सभी भारत के लिए कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए आधारशिला साबित हुए चाहे वह 160 मिलियन लाभार्थियों के बैंक खातों में 4.5 बिलियन डॉलर का हस्तांतरण हो या मोबाइल पर डिजिटल वैक्सीन प्रमाणपत्रों के साथ दो वर्षों में 2.5 मिलियन टीकाकरणों का वितरण करना हो। हम डिजिटलीकरण के मामले में बहुत आगे हैं और मुझे विश्वास है कि यह रिपोर्ट दुनिया के लिए मार्गदर्शक होगी।

भारत की G20 अध्यक्षता ने प्रमुख आर्थिक और विकासात्मक एजेंडे पर वैश्विक नीति चर्चा को निर्धारित करने और उसे आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। लोगों के विकास और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण क्षमताओं में से एक तकनीकी नवाचार और प्रौद्योगिकी-आधारित आर्थिक परिवर्तन है। ऐसे डिजिटल माध्यम उन्नत और साथ ही उभरती अर्थव्यवस्थाओं दोनों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की उत्पादकता में उल्लेखनीय रूप से सुधार कर सकते हैं और दुनिया भर के नागरिकों को उच्च और सतत विकास प्राप्त करने के लिए लाभान्वित कर सकते हैं। भारत अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान डीपीआई के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करके एक मजबूत डिजिटल एजेंडा चला सकता है और साथ ही वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक दोनों के तहत डीपीआई से संबंधित रिपोर्टों और डिलीवरेबल्स पर सभी G20 सदस्यों से सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त कर सकता है।

डीपीआई पर भारत के G20 टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बारे में

रिपोर्ट में तीन आवश्यक भाग शामिल हैं जो सामूहिक रूप से वैश्विक डीपीआई उन्नति और अपनाने के दृष्टिकोण को उजागर करते हैं। भाग 1 में डीपीआई दृष्टिकोण एक परिवर्तनकारी प्रतिमान के रूप में उभरता है जो अभिनव तकनीकी समाधानों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करता है। रिपोर्ट का भाग 2 इस बात पर गहराई से चर्चा करता है कि भारत ने अपने डीपीआई एजेंडे को कैसे आगे बढ़ाया है खासकर 2023 में G20 अध्यक्षता के दौरान अपने विभिन्न कार्य समूहों के तहत जिसमें फाइनेंस ट्रैक के ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इनक्लूजन और शेरपा ट्रैक के डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप शामिल हैं। रिपोर्ट के भाग 3 में एक दूरदर्शी परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया गया है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में डीपीआई को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक खाका तैयार किया गया है साथ ही साथ इसकी नीति सिफारिशों की एक श्रृंखला के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भी इसे मान्य किया गया है।

रिपोर्ट में बहुराष्ट्रीय उपस्थिति के दायरे के साथ वैश्विक मानक के मौजूदा निकाय की पहचान करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है ताकि विभिन्न क्षेत्रों और देशों में विशेष रूप से ग्लोबल साउथ देशों में डीपीआई इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा सके और उसका उपयोग किया जा सके। दुनिया भर के कई देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि सार्वजनिक सेवाओं के प्रावधान में भारी सुधार के माध्यम से आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए अपने राष्ट्रीय डिजिटल अवसंरचना को कैसे विकसित किया जाए और पारदर्शिता में सुधार करके और दूरी को कम करके लोगों व संस्थानों के बीच विश्वास को कैसे बढ़ावा दिया जाए।

जनवरी 2023 में टास्क फोर्स की स्थापना डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) और वित्तीय समावेश पर भारत के G20 अध्यक्षता एजेंडे और प्राथमिकताओं को प्राप्त करने की देखरेख व सुविधा प्रदान करने के लिए की गई थी। टास्क फोर्स ने उन तरीकों पर विचार किया जिनसे G20 सदस्य देश विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक और डीपीआई को अपनाकर उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही सरकार की डिजिटल अर्थव्यवस्था नीतियों और विनियमों में मदद कर सकते हैं। टास्क फोर्स की संरचना नीचे दी गई है।

आर्थिक परिवर्तन वित्तीय समावेश और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के G20 टास्क फोर्स की संरचना इस प्रकार है:

सह-अध्यक्ष

1.  अमिताभ कांत (भारत के G20 शेरपा)

2.  नंदन नीलेकणि

सदस्य

3. सचिव आर्थिक मामले विभाग सदस्य समन्वयक

4. सचिव वित्तीय सेवा विभाग

5. सचिव इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

6. सचिव विदेश मंत्रालय

7. डिप्टी गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक

8. सीईओ नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग)

9. मुख्य आर्थिक सलाहकार आर्थिक मामले विभाग

10. सीईओ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण

11. प्रबंध निदेशक भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई)

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