@ नई दिल्ली
मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में ‘वन DAI वन सब्सक्रिप्शन’ का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। ODOS एक अनूठा विचार है जो परमाणु ऊर्जा विभाग और इसकी सभी इकाइयों/उप इकाइयों (लगभग 60) को एक छत के नीचे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों के साथ-साथ वैज्ञानिक पत्रिकाओं को पढ़ने और प्रकाशित करने में सक्षम बनाता है।
इस पहल के साथ अब संसाधनों को डिजिटल रूप से साझा करना और सामूहिक रूप से विकसित करना संभव हुआ है। DAI ने इसके विस्तार के लिए मेसर्स विली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स स्प्रिंगर नेचर ग्रुप के साथ कंसोर्टियम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्घाटन के अवसर पर, DAI के सचिव और एईसी के अध्यक्ष डॉ. ए.के. मोहंती ने बधाई संदेश देते हुए कहा कि ODOS परिवर्तनकारी समझौता DAI की पठन पहुँच और प्रकाशन आवश्यकताओं को समन्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
मुझे विश्वास है कि ODOS हजारों वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, एचबीएनआई के युवा छात्रों और सहायता प्राप्त संस्थानों के शोधकर्ताओं को बहुत विशाल ज्ञान मंच तक पहुँच प्राप्त करने और पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित करने में लाभान्वित करेगा।
ODOS को बाद में एक बड़ी राष्ट्रीय पहल में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन कहा जाता है, इसे भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा शुरू किया गया है। ONOS वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए, एनसीपीडब्लू, DAI के प्रमुख श्री ए.के. नायक ने कहा कि ODOS पहल का उद्देश्य ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना है। ODOS ONOS की दिशा में एक छोटा लेकिन एक निर्णायक कदम है जो ज्ञान को सभी के लिए सुलभ बनाएगा और विकसित भारत के पोषित सपने को भी साकार करेगा।
टीएमसी के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता ने कहा कि पुस्तकालय अब ईंट-पत्थर की इमारतें नहीं रह गए हैं, बल्कि कंप्यूटर बन गए हैं। वर्तमान युग में, दुनिया रचनात्मक नवाचार पर जोर देती है जो तभी संभव है जब हमारे पास किसी विशेष क्षेत्र में ज्ञान की वर्तमान स्थिति तक पहुंच हो। दोहराव वाले शोध को कम करने का एक तरीका यह है कि सभी को विज्ञान की वर्तमान स्थिति तक पहुंच हो, ताकि हम आगे बढ़ें और जो पहले किया जा चुका है उसे न दोहराएं। डीईए ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह नेतृत्व करने और रास्ता दिखाने में अग्रणी है।
ODOS के बारे में जानकारी
एपीसीमेसर्स विली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ पहला ODOS समझौता पूरे DAI समुदाय को 1997 से अभिलेखागार सहित 1353 विली पत्रिकाओं के संग्रह तक पहुंच प्रदान करेगा। यह पहुंच वर्तमान में केवल 12 DAI इकाइयों को बिना किसी मूल्य वृद्धि के 166 अद्वितीय पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करने के सापेक्ष है। वर्ष 2024 के लिए सभी पत्रिकाओं के लिए सभी DAI इकाइयों को स्थायी अधिकार दिए जाएंगे। DAI को ‘ओपन एक्सेस’ जर्नल्स में अधिक लेख प्रकाशित करने का अधिकार भी प्राप्त होगा। इस समझौते के तहत ‘आर्टिकल प्रोसेसिंग चार्ज को कवर किया गया है।
मेसर्स स्प्रिंगर नेचर ग्रुप के साथ दूसरे ODOS समझौते से लगभग 2,686 स्प्रिंगर नेचर शीर्षकों तक पहुँच प्रदान की जाएगी, जिसमें 553 जर्नल शामिल हैं, जो पूरी तरह से ओपन एक्सेस के रूप में हैं। यह पहुँच समस्त DAI को प्रदान की जाएगी, जबकि पहले 14 इकाइयों को ही 1752 अद्वितीय जर्नल तक पहुँच प्रदान की गई थी। वर्ष 2024 के लिए सभी जर्नल के लिए DAI इकाइयों को स्थायी अधिकार दिए जाएँगे। स्प्रिंगर शीर्षकों के लिए वर्ष 1997 से और नेचर शीर्षकों के लिए वर्ष 2012 से अभिलेखागार भी सुलभ होंगे। यह समझौता DAI को ‘स्प्रिंगर हाइब्रिड’ जर्नल में 281 लेखों को आर्टिकल प्रोसेसिंग चार्ज के बिना ओपन एक्सेस के रूप में प्रकाशित करने में भी सक्षम बनाएगा।
मेसर्स विली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स स्प्रिंगर नेचर ग्रुप के साथ हस्ताक्षर किए गए ODOS परिवर्तनकारी समझौते DAI वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सतत विकास को सक्षम करेगा। इससे वैज्ञानिक मनोबल भी बढ़ेगा, नवाचार तथा शोध को बढ़ावा मिलेगा और अकादमिक प्रकाशनों में वृद्धि होगी।