@ नई दिल्ली
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 7 अक्टूबर, 2024 को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के अलीपुर इलाके में खुले नाले में गिरने से पांच वर्षीय बच्चे की मौत से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है। वहां काम करने वाले ठेकेदार ने कथित तौर पर बिना किसी चेतावनी या संकेत लगाए कई जगहों पर नाले को खुला छोड़ दिया था। हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह की यह पांचवीं घटना है।
आयोग ने पाया है कि इस मामले और हाल के दिनों में हुई ऐसी ही घटनाओं के बारे में समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर विषय है। यह वास्तव में बहुत चिंताजनक है कि राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। दिल्ली में डूबने और करंट लगने से कई लोगों की जान जाने की घटनाओं का आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।
इसी के अनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में ऐसे सभी मामलों में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और मृतक के परिजनों को दिए गए मुआवजे की जानकारी देनी होगी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में भी आयोग को जानकारी देनी होगी।
8 अक्टूबर, 2024 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास में खुले नाले में गिरकर ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई थी। सितंबर में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा में खुले नाले में गिरकर एक 32 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। अगस्त में उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार में खुले नाले में सात वर्षीय बच्चे का शव मिला था।
अगस्त में ही पश्चिम विहार इलाके में नाले में गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जुलाई में पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में नाले में गिरकर एक महिला और उसके बेटे की मौत को लेकर बवाल हुआ था। इसी महीने उत्तरी-दिल्ली के बुराड़ी में एक कार के नाले में गिर जाने से एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी।