@ प्रजा दत्त डबराल नई दिल्ली
08 अक्टूबर, 2024 को तमिलनाडु में चेन्नई के तांबरम वायु सेना स्टेशन पर भारतीय वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ का भव्य समारोह मनाया गया। इस दौरान शानदार रस्मी परेड हुई, वायु शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया गया और अत्याधुनिक उपकरणों का शानदार प्रदर्शन हुआ।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने समारोह की शोभा बढ़ाई, जबकि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने परेड का निरीक्षण किया।
एयर शो ने भारतीय वायुसेना की अदम्य ताकत और भावना को प्रदर्शित किया, जो इसके आदर्श वाक्य “टच द स्काई विद ग्लोरी” से मेल खाता है।
वायुसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय हितों को चुनौती देने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना के तैयार रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य निरंतर परिवर्तनशील स्थिति में है और विश्व में चल रहे संघर्षों से यह स्पष्ट है कि देश में मजबूत और सक्षम वायुसेना की अनिवार्य आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नवीनतम तकनीक को अपनाने के साथ-साथ अभिनव और लीक से हटकर सोचने की क्षमता वर्तमान बहुमुखी वातावरण में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि वायुसेना दिवस 2024 की थीम ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ भारतीय वायुसेना की आकांक्षाओं को पूरी तरह से व्यक्त करती है।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हम बेहतर तकनीक के साथ और अधिक सशक्त हुए हैं और हमने रक्षा प्रणालियों और हथियारों के अधिकाधिक उपयोग के नए स्तर हासिल किए हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हमारी प्राथमिकता है।
मेक इन इंडिया पहल के सहयोग के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, स्टार्ट-अप, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, पेशेवरों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षाविदों को शामिल करके ठोस कदम उठाए गए हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने समारोह की शोभा बढ़ाई; वायुसेना प्रमुख ने औपचारिक परेड का निरीक्षण किया
वर्तमान वैश्विक सुरक्षा माहौल मजबूत और सक्षम वायुसेना की अनिवार्य आवश्यकता को दर्शाता है: एयर चीफ मार्शल
वायुसेना प्रमुख ने वायुसेना दिवस को वायु योद्धाओं के लिए राष्ट्र की सेवा में स्वयं को पुनः समर्पित करने, पिछले वर्ष के कामकाज का आत्मनिरीक्षण करने, उपलब्धियों का उत्सव मनाने, सुधार के क्षेत्रों की पहचान और वर्तमान तथा भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार स्वयं को तैयार करने का अवसर बताया।
पिछले वर्ष की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने विभिन्न मोर्चों पर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, हमारा प्राथमिक उद्देश्य हर बार समय पर, लक्ष्य पर हथियार पहुंचाना है और फरवरी 2024 में पोखरण रेंज में मारक शक्ति के प्रदर्शन के लिए किए गए अभ्यास ‘वायु शक्ति’ के दौरान इसको कुशलतापूर्वक दर्शाया गया।
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि इस वर्ष भारतीय वायुसेना ने मित्र देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में अपनी भागीदारी का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जमीन पर सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ का सफल आयोजन भारत के वायु योद्धाओं की क्षमता और पेशेवर कार्यप्रणाली का प्रमाण है।
परेड की शुरुआत राष्ट्रपति ध्वज की मार्चिंग के साथ हुई, जो गर्व, एकता, शक्ति और दल भावना का प्रतीक है। इस दौरान तीनों सेनाओं के बैंड के प्रदर्शन से देशभक्ति के जोश से भरपूर और भी मधुर माहौल बन गया।
इस दौरान, एयर वॉरियर ड्रिल टीम ने अपनी धारदार और समन्वित कलाबाजी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रदर्शन ने सभी दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।
वायुसेना प्रमुख ने पिछले एक वर्ष में किए गए विभिन्न अभियानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना हमेशा देश और विदेश में मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली रही है।
उन्होंने वायु योद्धाओं को अनुकूल और काम करने का अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए भारतीय वायुसेना की संपूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की और कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण और खुशहाली को सबसे महत्वपूर्ण बताया।
परेड के बाद शानदार हवाई प्रदर्शन हुआ,जिसमें तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, सुखोई-30 एमकेआई और पिलाटस सहित विभिन्न जेट विमानों ने कम ऊंचाई पर साहसिक हवाई करतब पेश किए।
कार्यक्रम के दौरान चेन्नई का आसमान राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रंगा हुआ था। सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम और सारंग हेलीकॉप्टर टीम ने इस दौरान रोमांचकारी प्रदर्शन करके लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्थैतिक प्रदर्शन में एएलएच एमके-4, सी-295 परिवहन विमान, आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली, एचटीटी-40 और रोहिणी रडार जैसे अत्याधुनिक साजोसामान प्रदर्शित किए गए।
यह कार्यक्रम भारतीय वायुसेना के लगभग एक सौ वर्षों के दृढ़ समर्पण और राष्ट्र के प्रति उसकी अद्वितीय सेवा के लिए उपयुक्त सम्मान का प्रतिदान है। इसमें ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ की थीम को मूर्त रूप दिया गया।