हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही,ज्यादा नुकसान मंडी जिले में

@ शिमला हिमाचल :-

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है। खराब मौसम में लोगों को अपनी जान का खतरा भी सता रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे गांव को ही भविष्य में गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही बहुत नुकसान हुआ है। जानमाल की हानि हुई है। कई दुकानें और घर बह गए हैं। मैं इसका ब्यौरा केंद्र सरकार को दूंगी, साथ ही राज्य के लिए राहत और फंड की मांग करूंगी। पिछली बार केंद्र सरकार ने हिमाचल को हजारों करोड़ की सहायता दी थी, जो पूरी तरह से जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पाई। इस बार उम्मीद करती हूं कि राज्य सरकार राहत राशि को सही तरीके से लोगों तक पहुंचाएगी।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही मची है। जिले के पधर उपमंडल की चौहारघाटी स्थित कोरतंग गांव से सटे नाले में अचानक आए पानी के सैलाब में तीन पुल बह गए। तेज बहाव के कारण नाले के किनारे स्थित खड़ी फसलें व बागीचे भी पानी और पहाड़ से आए मलबे में समा गए। गनीमत रही कि इस आपदा में कोई जनहानि नहीं हुई।

पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखराम चौधरी ने इसकी जानकारी दी और कहा, केंद्र सरकार ने यहां सेना के जवान भेजे हैं, जिससे राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हिमाचल में आपदा से पहले ही 2006 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद पहुंचाई।

इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा, प्रदेश में बरसात से भारी नुकसान हो रहा है। लगातार हो रही बरसात से खासकर मंडी जिले में भारी नुकसान हुआ है। आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद पहुंच रही है।

हिमाचल प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले दो सालों में राज्य में कई बड़े नुकसान हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने बरसात में आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है।

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