@ नई दिल्ली
आंध्र तट पर गश्त पर निकले Indian Coast Guard जहाज वीरा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन नौ मछुआरों को बचाया, जो 5 अप्रैल 2024 को अपनी नाव में आग लगने और उसके समुद्र में डूब जाने के कारण गंभीर रूप से झुलस व घायल हो गए थे।
ICGS वीरा को विशाखापत्तनम बंदरगाह से लगभग 65 समुद्री मील की दूरी पर भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव ‘दुर्गा भवानी’ में भीषण आग लगने के बारे में निकट की मछली पकड़ने वाली एक नाव से एक रेडियो संदेश मिला था। आंध्र में पंजीकृत एक नाव, आईएफबी दुर्गा भवानी, 26 मार्च 2024 को नौ चालक दल के साथ काकीनाडा बंदरगाह से रवाना हुई थी।
नाव में 5 अप्रैल को आग लगने की घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप जहाज पर एक गैस सिलेंडर फट गया। सभी नौ मछुआरे बचने के लिए पानी में कूद गए लेकिन इस दौरान उनमें से कुछ गंभीर रूप से झुलस गए। विस्फोट के कारण क्षतिग्रस्त मछली पकड़ने वाली नाव कुछ ही मिनटों में उसी स्थान पर डूब गई। आग और विस्फोट की जानकारी पास की एक नाव से तटरक्षक जहाज को दी गई, जो जीवित बचे लोगों को लेने के लिए आगे बढ़ा।
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए, ICGS वीरा जीवित बचे लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ा और कुछ ही घंटों में घटनास्थल पर पहुंच गया। जीवित बचे सभी नौ लोगों को आईसीजी जहाज में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उन्हें एक मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया।
इस बीच, तटरक्षक जिला मुख्यालय संख्या 6 ने जेडी फिशरीज विशाखापत्तनम के साथ समन्वय करते हुए आईएफबी के गंभीर रूप से घायल चालक दल को निकालने के लिए तुरंत चिकित्सा टीमों के साथ एम्बुलेंस की व्यवस्था की। सभी घायल मछुआरों को आगे के इलाज के लिए विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। आईसीजी जहाज की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण, संपूर्ण बचाव अभियान छह घंटे की छोटी अवधि के भीतर पूरा हो गया। Indian Coast Guard समुद्र में मछुआरों को सहायता प्रदान करने वाली प्रमुख एजेंसी होने के साथ-साथ समुद्र में खोज और बचाव की राष्ट्रीय समन्वय एजेंसी भी है।