राजीविका एवं सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (सी3) ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

@ जयपुर राजस्थान :-

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) एवं सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (सी3) के मध्य गुरूवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (ण्मओयू) हस्ताक्षरित किया गया। इस साझेदारी का उद्देश्य राज्य में दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डे—एनआरएलएम) के अंतर्गत जेंडर एकीकरण को सुदृढ़ करना एवं संस्थागत तंत्र को मजबूत बनाना है।

एमओयू पर जयपुर स्थित राजीविका राज्य कार्यालय में राजीविका की राज्य मिशन निदेशक,  नेहा गिरी एवं सी3 की कार्यकारी निदेशक, डॉ. अपराजिता गोगोई ने हस्ताक्षर किए । इस अवसर पर प्रीति सिंह, परियोजना निदेशक (प्रशासन), राजीविका तथा मीणा नीरू तुलसीराम, राज्य परियोजना प्रबंधक (एसआईएसडी), राजीविका सहित दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

इस साझेदारी के अंतर्गत सी3 द्वारा राजीविका को ब्लॉक स्तर पर जेंडर रिसोर्स सेंटर  के संचालन हेतु तकनीकी एवं संस्थागत सहयोग प्रदान किया जाएगा। ये केंद्र जेंडर मुद्दों पर क्षमता निर्माण, केस प्रबंधन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस एवं पंचायती राज आदि संस्थाओं के साथ अभिसरण  के लिए समर्पित केंद्र के रूप में कार्य करेंगे।

साझेदारी के प्रमुख उद्देश्य:

-राजीविका की संस्थागत संरचना में जेंडर एकीकरण को सुदृढ़ करना।

-प्रभावी कार्यान्वयन हेतु जेंडर एक्शन प्लान एवं स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर  विकसित करना।

– महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों एवं सामुदायिक संस्थाओं को जेंडर भेदभाव, महिला अधिकारों एवं आजीविका तथा शासन प्रणाली में जेंडर प्राथमिकताओं के एकीकरण हेतु सशक्त बनाना।

राजस्थान के 50,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह इस पहल से लाभान्वित होंगे। महिलाओं के लिए जेंडर सेंसिटिविटी ट्रेनिंग, लीडरशिप डेवलपमेंट एवं अवेयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, महिला उद्यमियों एवं जमीनी स्तर की महिला नेतृत्वकर्ताओं के लिए जेंडर-रेस्पॉन्सिव वातावरण विकसित किया जाएगा।

इस अवसर पर नेहा गिरी, राज्य मिशन निदेशक, राजीविका ने कहा –

यह सहयोग राजीविका की उस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है जिसके तहत हम समावेशी एवं समानतापूर्ण ग्रामीण संस्थाओं का निर्माण कर रहे हैं, जहाँ महिलाएँ गरिमा एवं आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करें।”

राजीविका एवं सी3 के मध्य यह साझेदारी राजस्थान में जेंडर समानता एवं महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रत्येक महिला को सुरक्षित वातावरण, कानूनी जागरूकता एवं विकास के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

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