सरकार के विकास कार्यों का मूल्यांकन समाज करेगा : मुख्यमंत्री

@ भोपाल मध्यप्रदेश :

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विगत एक वर्ष में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का मूल्यांकन समाज द्वारा किया जाना बेहतर होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार विकास और जनकल्याण के बड़े लक्ष्य तय कर प्रगति पथ पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपने काम पर संतोष कर लेने से प्रगति रुक जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित “एजेंडा आजतक” कार्यक्रम में यह बात कही।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में निवेश और व्यापार की सुगमता के लिए निरंतर काम किए जा रहे हैं। सरकार प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और देश के प्रमुख औद्योगिक नगरों में रोड-शो आयोजित कर निवेश आकर्षित कर रही है। उन्होंने बताया कि यूके यात्रा से 60 हजार करोड़ और जर्मनी दौरे से लगभग 20 हजार करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश संसाधन संपन्न राज्य है और व्यापार-अनुकूल एवं श्रम-हितैषी नीतियों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में कृषि की विकास दर 25% पहुंच चुकी है। आगामी समय में दुग्ध उत्पादन जैसे संबद्ध क्षेत्रों में विकास की संभावना को देखते हुए सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एनडीडीबी के साथ समझौता किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परिकल्पना को मध्यप्रदेश पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर यथार्थ में बदल रहा है। केंद्र सरकार की सहायता से केन-बेतवा तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजनाओं का शीघ्र ही शिलान्यास होने जा रहा है। इससे उद्योग और कृषि की पानी की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सरकार प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लाडली बहना योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1250 रुपए की राशि और गैस सिलेंडर क्रय के लिए 450 रुपए की राशि अंतरित की जाती है। राज्य में पीएम आवास योजना के अंतर्गत सर्वाधिक पक्के मकान बनाए गए हैं। स्वच्छता में भी प्रदेश सबसे आगे है। प्रदेश में वंदे मेट्रो के परिचालन पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस थानों के क्षेत्राधिकार जनता की सुविधा के अनुसार बदले गए हैं। राज्य में परिसीमन आयोग बनाया गया है और जिलों की सीमाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के लिए विकास कार्य अभी से शुरू कर दिये गए है, जिससे लगभग 15 करोड़ श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। राज्य सरकार सांस्कृतिक विरासत और विकास दोनों पहलुओं पर काम कर रही है।

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