विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

@ कमल उनियाल उत्तराखंड :-

उत्तराखंड में जगह जगह विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस दिवस पर कार्यक्रमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण के लिए पौध रोपण और पर्यावरण रखने के लिए और प्रकृति से छेड़छाड़ न करने जागरुक किया जाता है।

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मानव जाति को पर्यावरण के प्रति सचेत करना और ग्लोबल वार्मिंग के खतरो के प्रति प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा करना है।

इसी के तहत पौडी गढ़वाल के जयहरीखाल विकास खंड के अंतर्गत भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में भूमी संरक्षण वन प्रभाग लैन्सडौन, द हंस फाउंडेशन, यूथ रेड क्रास इकाई, विकास खंड जयहरीखाल, नशा मुक्ति भारत अभियान इकाई, महाविद्यालय जयहरीखाल के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे महाविद्यालय जयहरीखाल के परिसर में विभिन्न प्रजाति के पौधो का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया तथा आमजनो को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का प्रयोग को बंद करने की अपील की गयी।

इस मौके पर प्रभागीय वन अधिकारी भूमी संरक्षण वन प्रभाग लैन्सडौन स्पर्श काला, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल लवली राजवंशी, द हंस फाउंडेशन परियोजना प्रबंधक नागेन्द्र तंगवान,कोडिनेटर यूथ रेड क्रास इकाई डाक्टर मानसी वत्स, कोडिनेटर नशा मुक्त भारत अभियान डाक्टर वी,के,सैनी द्वारा महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

प्रभागीय वन अधिकारी भूमी संरक्षण वन प्रभाग लैन्सडौन स्पर्श काला ने कहा कि सभी की भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से काम करना होगा। तभी हम बिगडते पर्यावरण असंतुलन को संतुलित कर पायेंगे तभी हमारी आने वाली पीढी शुद्ध हवा से साँस ले पायेगी इसलिए एक पेड माँ के नाम पर लगाकर उसे रक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी खुद और आने वाली पीढी को इसमें शामिल करे।

द फांउडेशन के परियोजना प्रबंधक नागेन्द्र तंगवान और सीडीएस सतीश चंद्र बहुगुणा ने कहा मानव निर्मित प्रदूषण प्रकृति और पर्यावरण को विनाश की और धकेल रही है। इसमे मुख्य रुप से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, तथा मृदा प्रदूषण, हैं ऐसे में पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता है पर्यावण के अभाव में जीवन की कल्पना नही की जा सकती है।

प्राचार्य लवली राजवंशी ने अपने संबोधन में कहा कि मानव और पर्यावरण का एक दूसरे से सीधा संबंध है पर्यावरण प्रदूषण पेडो का कम होना, वायू प्रदूषण से सीधा मनुष्य के जीवन में प्रभाव पडता है इस दिवस का मुख्य उद्देश्य आमजनो को पर्यावरण बचाने के प्रति सचेत करना है।
उप प्रभागीय वन अधिकारी प्रशान्त हिन्दवाण और वन क्षेत्र अधिकारी जयहरीखाल रैंज विशन दत्त जोशी ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण धरती पर जीवन का आधार है। जितना जीने का आधार मनुष्य का है उतना ही पशु पक्षीयो और जीवों का है इसलिए वन, जलवायु की रक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा।

यूथ रेड क्रास इकाई के कोडिनेटर डाक्टर मानसी वत्स ने गोष्ठी में जानकारी दी कि प्लास्टिक वस्तु पर्यावरण के लिए अभिशाप है वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण का अंत ही हमारे पर्यावरण को संरक्षित कर सकता है। नशा मुक्त भारत अभियान के काडिनेटर डाक्टर वी,के,सैनी ने कहा सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करे यह पर्यावरण के लिए घातक होता जा रहा है।

इस मौके पर वन दरोगा हरक सिंह दानु, रमेश गुसाँई, वन आरक्षी राकेश बेदवाल, संदीप आर्य नोमान अली, महाविद्यालय के शिक्षक डाक्टर उमेश ध्यानी, डाक्टर अजय रावत, डॉक्टर अभिषेक कुकरेती, डाक्टर शेलैन्द्र मधवाल, यूथ रेड क्रास इकाई के डाक्टर एस, ए, अंसारी, नशा मुक्ति अभियान के डाक्टर प्रीति रावत, वन्दना ध्यानी सामाजिक कार्यकर्ता विनोद नेगी, महेन्द्र सिंह, द हंस फाउंडेशन के काडिनेटर संजय बजवाल आदि मौजूद रहे।

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