@ भुवनेश्वर ओडिशा :
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के सूद ने 25-26 नवंबर 2024 को भुवनेश्वर में आयोजित दूसरी ऑल एसएंडटी (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) क्लस्टर्स मीट की अध्यक्षता की। भुवनेश्वर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह बैठक 25 नवंबर 2024 को पीएसए के कार्यालय की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई।
ओपीएसए द्वारा 2020 में शुरू की गई एसएंडटी क्लस्टर पहल के तहत देश भर में आठ जीवंत क्लस्टर स्थापित किए हैं- आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन – विजाग, बेंगलुरु साइंस एंड टेक्नोलॉजी , भुवनेश्वर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर फाउंडेशन , दिल्ली रिसर्च इम्प्लीमेंटेशन एंड इनोवेशन ,जोधपुर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर ,पंजाब विश्वविद्यालय – आईआईटी रोपड़ रीजनल एक्सेलेरेटर फॉर होलिस्टिक इनोवेशन , पुणे नॉलेज क्लस्टर फाउंडेशन और रिसर्च एंड इनोवेशन सर्कल ऑफ हैदराबाद।
ये क्लस्टर नवीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों के माध्यम से क्षेत्रीय चुनौतियों का मिलकर समाधान करने के लिए अकादमिक जगत, उद्योग,स्थानीय सरकार और स्टार्टअप को एक साथ लाते हैं। बैठक के दौरान, सभी आठ क्लस्टरों ने अपनी उपलब्धियों और वर्तमान में जारी पहलों को प्रस्तुत किया, जिसमें सहयोग पूर्ण प्रयासों के ठोस लाभों को दर्शाया गया।
अपने मुख्य संबोधन में, प्रो. सूद ने अंतःविषयकता को बढ़ावा देने, अलगाव की स्थिति को खत्म करने और सामूहिक समस्या-समाधान की दिशा में मानसिकता में बदलाव को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्लस्टर मॉडल को ऐसे परिणाम देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो पारंपरिक या अलग-अलग तरीकों से हासिल नहीं किए जा सकते हैं। साथ ही, उन्होंने प्रभावशाली परियोजनाओं को बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में सफलताओं को दोहराने के लिए अंतर-क्लस्टर सहयोग की अहमियत पर जोर दिया।
बैठक के दौरान प्रो. सूद ने (i) स्वास्थ्य सेवा, (ii) ऊर्जा और पर्यावरण, (iii) कृषि प्रौद्योगिकी और पोषण, (iv) एसटीईएम शिक्षा, (v) विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से आजीविका, और (vi) पूर्वोत्तर भारत पर प्रभाव और उद्योग 4.0 से जुड़े छह विषयगत संग्रह जारी किए। प्रो. सूद ने क्लस्टर डैशबोर्ड का भी उद्घाटन किया जो क्लस्टर गतिविधियों की प्रगति की निगरानी और रेखांकित करेगा।
बैठक में उद्योग संगठनों, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े प्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी शामिल था। चर्चा में उद्योग के प्रयासों को पूरक बनाने के लिए क्लस्टरों की क्षमता, वैज्ञानिक अनुसंधान को कदम उठाने योग्य समाधानों में बदलने में क्लस्टरों की भूमिका और आर्थिक और सामाजिक लाभ को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रो. सूद ने क्लस्टरों को अंतर-क्लस्टर सहयोग को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, तथा इसके प्रभाव को बढ़ाने में उनके महत्व पर प्रकाश डाला। एक क्लस्टर से सफल परिणामों को बढ़ाने और अन्य क्लस्टरों में उनको अपनाए जाने को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से पहले व्यापक कार्यान्वयन सुनिश्चित हो और सामूहिक प्रभावशीलता बढ़े।
कार्यक्रम के दौरान, प्रो. सूद ने बीसीकेआईसी द्वारा अपने “कैच देम यंग” कार्यक्रम के तहत आयोजित अटल टिंकरिंग लैब्स के छात्र नवाचार मेले का भी उद्घाटन किया। इस मेले ने स्कूली छात्रों और स्टार्टअप्स को नवीन विचारों और उत्पादों को प्रस्तुत करने और प्रो. सूद के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया।यह बैठक सहयोग पूर्ण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयासों की परिवर्तनकारी क्षमता का प्रमाण थी, तथा इसने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया।