भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन

@ कमल उनियाल जयहरीखाल उत्तराखंड

जयहरीखाल, पौड़ी गढ़वाल, 14 नवंबर 2025: भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में “भौतिक एवं रसायन विज्ञान में अद्यतन विकास” (NCRDPGS-2025) विषय पर आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज भव्य उद्घाटन हुआ।

मुख्य अतिथि विधायक मंहत दिलीप सिंह रावत जी, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉ. वी. के. अग्रवाल, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय व्यवसायिक, पैठानी बनास एवं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डॉ. एल. आर. राजवंशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की,महाविद्यालय जयहरीखाल की प्राचार्य प्रो. डॉ. एल. आर राजवंशी ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मेलन भौतिक एवं रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम शोधों और विकासों पर चर्चा का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। उन्होंने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों एवं देशभर से आए प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत करते हुए इस शैक्षणिक पहल की सफलता की कामना की।

मुख्य अतिथि रावत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब “आत्मनिर्भर भारत” के रूप में उभर रहा है, जहाँ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय आयोजन छात्र-छात्राओं के ज्ञान-विस्तार और क्षेत्र की शैक्षणिक गतिविधियों को गति प्रदान करते हैं। उन्होंने महाविद्यालय के शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा, “हर छात्र-छात्रा में छुपी हुई ऊर्जा को संवारने का कार्य इस महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा किया जा रहा है।” उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

इस सम्मेलन की विशेषता रही कि इसे “हाइब्रिड मॉडल” पर आयोजित किया गया। देश भर से सैकड़ों प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े और उन्होंने अपने शोधपत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किए। वहीं, महाविद्यालय परिसर में उपस्थित प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अपने नवीन शोध work को प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के IQAC समन्वयक डॉ. आर. के. द्विवेदी ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार यह प्रकोष्ठ शैक्षणिक गुणवत्ता और समग्र उत्कृष्टता सुनिश्चित करने में सहायक है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कमल कुमार एवं डॉ. मोहम्मद शहजाद ने सुव्यवस्थित संचालन करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. डी. एस. चौहान (संयोजक) ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस ऐतिहासिक शैक्षणिक आयोजन में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं तथा देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए प्रतिभागी उपस्थित रहे। अगले दो दिनों तक विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत कर नवीन विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। यह सम्मेलन शिक्षा जगत में नए सहयोग और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करने में सफल रहा।

इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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