@ नई दिल्ली :-
भारत और चिली के बीच कृषि पर पहली संयुक्त कार्यसमूह की बैठक 12 मार्च 2025 को वर्चुअल मोड में आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू और कृषि अध्ययन एवं नीति ब्यूरो (ओडीईपीए) में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विभाग के निदेशक गेब्रियल लेसेका ने की। दोनों देशों के अधिकारियों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया।

अजीत कुमार साहू ने भारत की उल्लेखनीय कृषि उपलब्धियों पर जोर देते हुए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न अभिनव पहलों पर प्रकाश डाला। इनमें डिजिटल कृषि मिशन, लखपति दीदी कार्यक्रम और कृषि सखी जैसी महिला-नेतृत्व वाली विकास पहल के साथ- साथ किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के प्रयास शामिल हैं। उनके द्वारा उल्लिखित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में प्राकृतिक और जैविक खेती, फसल बीमा, ई-नाम और एग्रीश्योर शामिल हैं, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास में वृद्धि को बढ़ावा देना है।
गेब्रियल लेसेका ने जोर देकर कहा कि चिली भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है तथा कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दृढ़ इच्छा व्यक्त की। कृषि में अपने समृद्ध अनुभव के साथ दोनों देशों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण में सुधार करने में एक-दूसरे के पूरक बनने की क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि यह बैठक भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में और भी अधिक सहयोग के लिए मंच तैयार करेगी।
दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच, बागवानी में सहयोग, विस्तार के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और अनुसंधान संबंधी सहयोग सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पशुपालन एवं डेयरी विभाग तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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