@ जयपुर राजस्थान
पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को सचिवालय भवन में पशुपालन मंगला बीमा पशु योजना की गाइडलाईन के संबंध में पशुपालन और राज्य बीमा भविष्य निधि विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में पशुपालन मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेश की बहुमूल्य पशुधन संपदा के विकास एवं पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुमावत ने कहा कि अभी दुर्घटना में मृत पशुओं के लिए पशुपालकों को कोई मुआवजा नहीं मिलता है। मंगला पशु बीमा योजना ऐसे पशुपालकों के लिए आर्थिक संबल बनेगी। उन्होंने जल्द से जल्द इसकी गाइडलाईन तैयार कर इसे अमली जामा पहनाने के निर्देश दिए जिससे इस घोषणा का उद्देश्य पूरा हो सके।
उन्होंने कहा कि बीमा का लाभ सभी पशुपालकों को मिले इसके लिए सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक बीमा में आवेदन करने के पात्र होंगे। बीमा का लाभ दिलाने के लिए बीमा विभाग द्वारा एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाकर उस पर पशुपालकों से आवेदन मंगवाए जाएंगे। प्राप्त आवेदनों के आधार पर बीमा हेतु पशुपालकों का चयन लॉटरी द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की घोषणा की थी। इस योजना में सरकार ने 400 करोड़़ रुपये खर्च करके 21 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा है।
योजना के अंतर्गत 5-5 लाख दुधारु गाय, भैस, बकरी तथा भेड़ और एक लाख ऊंटनी का बीमा किया जाएगा। प्रत्येक परिवार से एक पशु का बीमा किया जाएगा। इसमें पशुपालकों को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा यह पूरी तरह से निःशुल्क है।
दुधारु पशुओं की किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना जैसे आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, जहरीला घास खाने या कीड़ा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा का क्लेम मिलेगा। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़़ ने मंगला बीमा पशु योजना की गाइडलाईन के बारे में जानकारी दी। बैठक में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा, डॉ सुरेश मीना सहित राज्य बीमा भविष्य निधि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।