@ गांधीनगर गुजरात :-
गुजरात सरकार ने बताया की GST लागू होने के बाद से 8 वर्षों में करदाताओं की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार ने बताया कि 2017 में जहां 5.15 लाख से अधिक करदाता थे, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2024-25 तक राज्य में 12.66 लाख पंजीकृत करदाता हो गए हैं।

GST लागू होने के बाद से गुजरात कर अनुपालन, राजस्व वृद्धि और डिजिटल एकीकरण के मामले में भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), केंद्रीय सेल्स टैक्स (CST), चुंगी और प्रवेश कर के जटिल जाल में उलझी राज्य की कर प्रणाली में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ व्यवस्था के तहत GST लागू होने से बड़ा परिवर्तन आया है, जिससे न केवल अनुपालन सरल हुआ है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है।
2024-25 में गुजरात की करदाता वृद्धि दर 6.38 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत 3.86 प्रतिशत से काफी अधिक है, जो राज्य के गतिशील कारोबारी माहौल और व्यापार के बढ़ते औपचारीकरण को दर्शाती है। गुजरात का GST राजस्व 2024-25 में बढ़कर 1,36,748 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 11,579 करोड़ रुपए अधिक है। राज्य देश के घरेलू GST पूल में 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे यह देश में शीर्ष तीन GST योगदान देने वाले राज्यों में शामिल हो गया है।
गुजरात का स्टेट GST (SGST) और इंटीग्रेटेड GST (IGST) से राजस्व 73,200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 8,752 करोड़ रुपए अधिक है। गुजरात ने SGST और IGST संग्रह में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत 10.31 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य ने GSTR-3बी के लिए 88.9 प्रतिशत अनुपालन और GSTR-1 के लिए 85.5 प्रतिशत अनुपालन हासिल किया है। गुजरात GST केपीआई पर भी 71.69 अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात से फिलहाल महाराष्ट्र ही आगे है। GST की सुव्यवस्थित कर संरचना ने लाखों व्यापारियों और उद्योगों के लिए व्यापार को सरल बनाया है और टैक्स के बोझ को कम कर पारदर्शिता बढ़ाई है।
